जल बर्बादी रोकने के लिए नदी जोड़
जल बर्बादी रोकने के लिए नदी जोड़ इच्छाशक्ति हो तो क्या कुछ नहीं हो सकता ! जीि हां, देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी सरकार ने नदी जोड़ परियोजना का खाका खींचा था लेकिन परियोजनाएं आकार न ले सकीं। अब एक बार फिर कोशिश हो रही है कि देश की नदियों को जोड़ा जाए जिससे बारिश के जल की बर्बादी भी न हो आैर जल संसाधन भी विकसित हों। नदियों को जोड़ने का कार्य शीघ्र पूर्ण हो, इसके लिए विशेष समिति गठित की गयी थी। इस परियोजना के तहत केन-बेतवा, दमनगंगा-पिंजल, पार-तापी-नर्मदा, महानदी-गोदावरी आदि नदियों को जोड़ने की कोशिश है। नदी जोड़ परियोजना क्रियान्वित होने से सुरक्षित जल भण्डार को एक नया व बड़ा आयाम मिलेगा।
जल बर्बादी रोकने के लिए नदी जोड़ इच्छाशक्ति हो तो क्या कुछ नहीं हो सकता ! जीि हां, देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी सरकार ने नदी जोड़ परियोजना का खाका खींचा था लेकिन परियोजनाएं आकार न ले सकीं। अब एक बार फिर कोशिश हो रही है कि देश की नदियों को जोड़ा जाए जिससे बारिश के जल की बर्बादी भी न हो आैर जल संसाधन भी विकसित हों। नदियों को जोड़ने का कार्य शीघ्र पूर्ण हो, इसके लिए विशेष समिति गठित की गयी थी। इस परियोजना के तहत केन-बेतवा, दमनगंगा-पिंजल, पार-तापी-नर्मदा, महानदी-गोदावरी आदि नदियों को जोड़ने की कोशिश है। नदी जोड़ परियोजना क्रियान्वित होने से सुरक्षित जल भण्डार को एक नया व बड़ा आयाम मिलेगा।
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