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Saturday, November 19, 2016

केईएम हाल : यूरोपीय शैली का प्रेक्षागृह
 
       उत्तर प्रदेश का आैद्योगिक शहर कानपुर अपने आगोश में नायाब संस्कृतियों के साथ साथ कलात्मकता को भी समेटे  है। सांस्कृतिक संरक्षण. पुष्पन-पल्लवन के लिए कानपुर में एक बेहतरीन प्रेक्षागृह रहा। जी हां, इसे के.ई.एम. हाल (किंग एडवर्ड मेमोरियल हाल) के नाम से जाना गया। हालांकि आज भी इसे इसी नाम से जाना जाता है लेकिन समय के साथ साथ अब इस बेहतरीन प्रेक्षागृह व इमारत में कई बदलाव किए जा चुके है। एडवर्ड सप्तम के सम्मान में इस हाल का निर्माण ब्रिटिश अफसरों ने कराया था। इसमें भारतीय आर्थिक सहयोग भी रहा। यह भव्य-दिव्य इमारत कलात्मकता को दृश्यांकित करती है। केईएम हाल ऐतिहासिक अतीत को भी दर्शाता है। 

कानपुर की यह इमारत ब्रिटिश आैपनिवेशकाल को बखूबी बयां करती है। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान किंग एडवर्ड मेमोरियल हाल (केईएम हाल) का उपयोग आर्थोपेडिक पुनर्वास अस्पताल के तौर पर किया गया था। ब्रिटिशकाल में कानपुर में बसे यूरोपीय व्यापारियों को शहर में मनोरंजन स्थल की आवश्यकता महसूस होने पर इस बेहतरीन सांस्कृतिक प्रेक्षागृह का निर्माण किया गया था। इस प्रेक्षागृह में अभी भी यूरोपीय शैली का अवलोकन होता है। ब्रिटिशकाल में यह स्थल यूरोपीय शैली मनोरंजन केन्द्र के तौर पर था। ब्रिटेन में किंग एडवर्ड की मौत होने के बाद उनकी याद व सम्मान में इस केन्द्र की स्थापना की गयी। पश्चिमी शैली के इस केन्द्र में प्रेक्षागृह है तो वहीं डांसिंग फ्लोर भी है। 

ब्रिटिशकाल में यह मनोरंजन स्थल सांझ-ओ-रात गुलजार रहता था। शहर के छावनी क्षेत्र में सैन्य बल के घायलों के उपचार हेतु कोई स्थल उपलब्ध नहीं था लिहाजा इस स्थल का उपयोग अस्पताल के तौर पर किया गया। यह स्थल धनाढ¬ भारतीय शादी -विवाह एवं मांगलिक कार्य के लिए किराये पर भी लेते थे। देश आजाद होने के बाद 1947 केईएम हाल को गांधी भवन के रुप में परिवर्तित कर दिया गया लेकिन आज भी इसे केईएम हाल के रुप में ही जाना जाता है। केईएम हाल फूलबाग के एक हिस्से में स्थित है।                 प्रकाशन तिथि 20.11.2016

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