कानपुर का 'परेड" : शहर का एक खास
कानपुर का 'परेड" शहर का एक खास स्थान है। परेड चौराहा भी है तो परेड मैदान भी है। सभी कुछ खास। ब्रिाटिश हुकूमत में मुख्यत: सैनिक बैरक एवं सैनिक परेड के लिए यह स्थान आरक्षित था।
'सिविलियन नॉट एलाऊड" एनाउंसमेट था। लिहाजा इस इलाके में शहर के बाशिंदे नहीं आते थे। छावनी बनने के बाद ब्रिाटिश सैनिक छावनी शिफ्ट हो गये। इसके बाद यह इलाका स्वत: खास से शहर का आम हो गया। धीरे-धीरे इस इलाके ने खासियत हासिल कर ली। अब शहर का यह सबसे बड़ा व्यापारिक एवं सांस्कृतिक इलाका हो गया। परेड को सांस्कृतिक सद्भाव का स्थल भी कहें तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी क्योंकि इस मैदान में बहुत बड़ा बाजार लगता है।
इस बाजार में अधिसंख्य दुकाने अल्पसंख्यक समुदाय की हैं लेकिन इसी मैदान में रामलीला का मंचन भी होता है। रामलीला के मंचन हेतु अल्पसंख्यक समुदाय स्वत: मैदान को खाली कर देता है। इस दौरान कारोबार पूरी तरह से बंद हो जाता है।
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