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Monday, December 19, 2016

वीआईपी रोड : शहर की अतिविशिष्ट झलक

  
       कानपुर शहर की शान 'वीआईपी" रोड। वीआईपी रोड शहर की शान हो भी क्यों नहीं। शासन-सत्ता के गलियारों की कोई विशिष्ट हस्ती को शहर से गुजरना हो या घनी आबादी को छोड़ कर शहर क्रास करना हो या फिर शहर के अतिविशिष्ट रिहायशी इलाको को एक दृष्टि अवलोकित करना हो तो इस वीआईपी रोड से गुजरना पड़ेगा। हालांकि शहर को क्रास करने के लिए अब तो हाईवे उपलब्ध है लेकिन वीआईपी रोड भी एक आसान, साफ-सुथरा व सुगम यातायात का एक विकल्प है।

वीआईपी रोड शहर को ग्रांड ट्रंक रोड (जीटी रोड) से जोड़ता है तो वहीं शहर का एक अंदाज भी इस सड़क से गुजरने पर दिख जाता है। मॉल रोड से प्रारम्भ होकर कम्पनी बाग चौराहा तक जाने वाले वीआईपी रोड करीब छह किलो लम्बा सफर है। यूं कहा जाये कि वीआईपी रोड शहर की धड़कन है तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। इस वीआईपी रोड को पार्वती बागला रोड के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि यह रोड मॉल रोड से प्रारम्भ होकर कम्पनी बाग होते हुये रावतपुर को जोड़ता है। मॉल रोड से इस रोड पर प्रवेश करते ही शासकीय अफसरों के दफ्तरों से लेकर उनके शानदार-आलीशान आशियानों की एक श्रंखला प्रारम्भ होती है। आलीशान आशियानों की यह श्रंखला कम्पनी बाग दिखती है। इसी रोड पर कचहरी (कलेक्ट्रेट) है तो उसके ठीक सामने जिला कारागार है। पुलिस लाइन भी इसी इलाके में है। पुुलिस लाइन के ठीक चंद कदम के बाद गोरा कब्रिास्तान है। इस कब्रिास्तान को पुर्तगाली कारीगरों ने अपने हुनर से तराशा था। वस्तुत: यह ब्रिाटिश सैनिकों का कब्रागाह है। इसी रोड पर क्रिकेट प्रेमियों का विशाल खेलमैदान 'ग्रीनपार्क" है।


उत्तर प्रदेश स्टॉक एक्सचेंज भी इसी इलाके में दृश्यावलोकित होता है। शहर के शानदार प्रेक्षागृह में शुमार मर्चेन्ट्स चेम्बर भी इसी रोड है। वस्तुत: इसे नाट्य हलचल का केन्द्र कहा जाये तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से भी यह स्थान शहर में अव्वल है। निजी नर्सिंग होम्स के अलावा जार्जिया मैकरॉबर्ट मेमोरियल अस्पताल की सेवायें भी इसी क्षेत्र में उपलब्ध होती है। एल्गिन मिल्स भी इस रोड की शान है। एल्गिन मिल्स शायद शहर की पहली कपास मिल है। इसी स्थान पर उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान है। संस्थान से प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में छात्र तकनीकि ज्ञानार्जन कर निकलते हैं। खास बात यह कि शहर के अधिसंख्य बाशिंदों की अंतिम यात्रा इस मार्ग से ही पूूर्ण होती है क्योंकि चाहे भगवतदास श्मशान घाट जाना हो या फिर भैंरोंघाट श्मशान घाट, इस वीआईपी रोड से ही गुजरना होता है। हालांकि यह दोनों ही श्मशान घाट गंगा तट पर हैं लेकिन श्मशान घाट की सड़कों का जुड़ाव वीआईपी रोड से है।  


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